गुरु हृदय धारण साधना
एक ऐसा मंत्र, एक ऐसी विद्या जिसके अभ्यास मात्र से साधक में गुरु तत्व का जागरण होने लगता है । गुरु की सत्ता से साधक की चेतना जुड़ने लग जाती है और वह गुरु से संबंधित उन तथ्यों और ज्ञान को प्राप्त करने लग जाता है जो किसी भी साधना से संभव है ही नहीं ।
32) ब्रह्म के समान अधिकार की वृत्ति…
🚩🚩 गुरु हृदय धारण साधना 🚩🚩
एक देशी घी का दीपक
गूगल की धूनी
7 पीले फूल
7 पीस पीली मिठाई
एक जनेऊ का जोड़ा
रोली, मौली
पीले चावल
मंत्र
गुरु सठ गुरु सठ गुरु सठ गुरु है वीर, गुरु साहब सुमरौ बड़ी भांत, सिङ्गि टोरों बन कहौं, नाऊ करतार, सकल गुरु की हर भजे, घट्टा पाकर उठ जाग चेत सम्भार श्री परम हंस श्री गुरु की महिमा अपरंपार
विधि
शुक्ल पक्ष किसी ने गुरुवार से यह साधना शुरू करनी है
पहले आपको एक चौकी लगानी है उस पर पीले कलर का कपड़ा बिछाकर चावल की एक डेरी बनाएं उस पर गाय के घी का दीपक रखें दीपक को अपना गुरु मानते हुए दीपक का पूजन करें उसके बाद में दिए गए मूल मंत्र का 1100 बार जप करे
इस साधना को करने के बाद में हमारी दी गई कोई भी साधना आप कर सकते हैं
गुरु कृपा केवलम