ज्योतिष के प्रथम चैप्टर में हम जानेंगे नाम के आधे अक्षर से नक्षत्र का ज्ञान कैसे किया जाए और यह किस प्रकार बिल्कुल आसान तरीके से किया जा सकता है
नाम के आदि अक्षर से नक्षत्र का ज्ञान🕉। जैसे कि हम जानते हैं नक्षत्र के प्रत्येक चरण का एक एक अक्षर होता है प्रत्येक नक्षत्र के चार चार चरण होते हैं यानी कि कुल मिलाकर 12 राशियां होती हैं एक राशि में 9/9 चरण होते हैं अतः पृथ्वी के चारों ओर कुल नक्षत्रों की संख्या 27है इस प्रकार 27 को 4 से गुणा करते हैं तो 108 चरण बन जाते हैं अतः वर्ण स्वर चर्क में ‘ड ञ’ यह शब्द वर्ण नहीं कहे गए हैं क्योंकि यह तीनों वर्ण नाम के आदि मे नहीं पाए जाते अगर किसी नाम से आदि मे हो तो वहां ड’कार की जगह गकार ञकार के स्थान पर जकार तथा णंकार के स्थान पर डकार समझना चाहिए हमारे ऋषि मुनि जो ज्योतिर्विद थे उनके मताअनुसार यह स्वर विचार में कहें गये है किंतु दुर्भाग्यवश कितने ही अनभिज्ञ उल्टा समझ कर सतपद चक्रानुसार नामकरण में लगाते हैं जो मानने योग्य नहीं है। जिस जातक के नाम का प्रथम अक्षर जिस नक्षत्र के चारों चरण में से एक होवह उस जातक का नक्षत्र कहलाता है या वो जातक का नक्षत्र होगा। यदि नाम संयुक्त अक्षर द्वारा प्रारंभ होता है तब उसका प्रथम वर्ण लेना चाहिए उदाहरणार्थ श्रीकांत नाम में संयुक्त अक्षर श्र है जिसका प्रथम ‘श’ कार अतः शतभिषा नक्षत्र होगा शतपद चक्र में ‘ऋ’ कार नहीं है अतः ‘ऋ’ कार के बदले ‘र’ अक्षर स्वीकार करना होगा उदाहरणार्थ ऋध्दिनाथ नाम में प्रथम अक्षर ‘ऋ’ कार है तब उसके स्थान पर ‘र’ अक्षर ग्रहण करके देखें तो चित्रा नक्षत्र होता है। शतपद चक्र में ‘अ’ तथा ‘आ’ इ’ और ई’ ‘उ’ और ‘ऊ’ को ‘ए’ और ‘ऐ’ ‘ओ’एवं ‘औ’ दोनों को एक समान समझा जाता है तथा ब और व ‘श’ ‘स’ यह दोनों अक्षर समान समझने चाहिए। इस के लिए नक्षत्र और नाम का मैचार्ट दे रहा हूं जिससे आम जनमानस को इसको समझने में आसानी हो एक आम व्यक्ति भी इस बात को आसानी से समझ सके। अश्वनी नक्षत्र= चू चे चो लां ; भरणी नक्षत्र =ली लू ले लो;। कृतिका नक्षत्र=अ इ ऊं ऐं;। रोहिणी नक्षत्र= जो वा वि वू। मृगशिरा नक्षत्र= वे वो का की ;। आद्रा नक्षत्र =कू घर डं छ;। पुनर्वसु नक्षत्र= के को हां ही पुष्य नक्षत्र=हूं हे हो डां। अश्लेषा नक्षत्र= डी डू डे डो मघा नक्षत्र= मां मी मू में ;। पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र = मो टा टी टू;। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र= टे टो पा पी;। हस्त नक्षत्र=पू ष ण ठ;। चित्र नक्षत्र= पे पो रा री;। स्वाति नक्षत्र= रु रे रो ता;। विशाखा नक्षत्र=ती तू ते तो;। अनुराधा नक्षत्र=ना नी नू ने;। जेष्ठा नक्षत्र=नो या यी यूं;। मूल नक्षत्र=ये यो भा भी;। पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र=भू धा फा ढा;। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र=भे भो जा जी;। अभिजीत नक्षत्र= जू जे जो ख;। श्रावण नक्षत्र=खी खू खे खो; धनिष्ठा नक्षत्र=गा गी गू गे;। शतभिषा नक्षत्र=गो सा सी सू;। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र= से सो दा दी; उत्तराभाद्रपद नक्षत्र= दू थ झ ञ;। रेवती नक्षत्र=दे दो चा ची;।