राशियों के भगण और उसका प्रयोजन

               राशियों के भगण और उसका प्रयोजन।

🕉 द्वादश (12) राशियों का 1भगण होता है उसमें सिंह आदि 6 राशियों का रवि तथा कर्क से विलोम 6 राशियों का चंद्रमा स्वामी है तथा उन दोनों स्थान से और ग्रह भी स्वामी होते हैं यथा सिंह का सूर्य कन्या का बुध कर्क का चंद्रमा मिथुन का बुध एवं अनुलोम प्रतिलोमादि स्थानों के स्वामी शुक्रादि ग्रह होते हैं जैसा कि आगे कथित है। जन्म समय सूर्य के भाग में( सिंहादि क्रम से 6 राशियों में) ग्रह हो तो जातक शूरवीर तेजस्वी साहसी और कर्कादि 6 राशियों में हो तो कोमल सौम्य तथा सौभाग्य युक्त होता है। 🕉🕉 राशियों और नवांश के स्वामी ग्रह🕉🕉 मेष राशि का स्वामी मंगल वृष राशि का शुक्र मिथुन का बुद्ध कर्क का चंद्रमा एवं सिंहादि राशियों का स्वामी क्रम से सूर्य बुध शुक्र मंगल बृहस्पति शनि शनि व बृहस्पति है मेषादि राशियों में क्रम से मेष मकर तुला कर्क से नवांश प्रारंभ होता है एवं मेष सिंह धनु राशि में मेष से कन्या मकर में मकर से मिथुन तुला कुंभ में तुला से तथा कर्क वृश्चिक मीन राशि में कर्क से नवांश प्रारंभ होता है राशि स्वामियों के वंश से जातक शास्त्र में सभी शुभाशुभ फल कहा गया है अत एवं इसके ज्ञान बिना कुछ भी ज्ञात नहीं हो सकता

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